भाषा वाणी का श्रृंगार है,
अभिव्यक्ति का भंडार है,
व्यक्तित्व का पैना हथियार है,
इंसान की सही पहचान है,
भाषा न हो तो आदमी लाचार है,
जीवन पंगु,बेहाल और बेकार है,
अपनी मातृ-भाषा का सम्मान करें,
पर दूसरी भाषा का अपमान न करें,
हिंदुस्तानी हो हिंदी पर अभिमान करो,
दूसरी भाषाओं को भी प्यार व सम्मान दो,
आओ सब हिल मिल मीठी बानी बोलें,
सब मिल जुल कर धरती पर स्वर्ग उतार दें,
@रीता बधवार
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