दिल के जज़्बात लफ़्ज़ों में बयां हो
यह ज़रूरी तो नहीं
दर्दे दिल से हों वो वाकिफ
यह ज़रूरी——
मुहब्बत में जिस पर किया हो यकीन
उसे मुझपर भी हो यकीं
ये ज़रूरी ——
जिसके इंतजार में जागा किए रात भर
उसे भी हो मेरा इंतजार
यह ज़रूरी—–
ता उम्र साथ निभाने की खायी थी जिन्होंने कसमें
या खुदा!!!
वो साथ निभा जाएं
ऐसा भी ज़रूरी तो नहीं_______
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