कैसा है ये अद्भुत मिलन!!!!
वर्षा की बूंदों और सूर्य की रश्मियों का समागम,
करता इंद्रधनुषी आभा का सृजन
नभ के पटल पर
दृष्टिगोचर होता रंग -बिरंगे रत्नों जड़ित मुकुट सम
इंद्रधनुषी सतरंगी लाल, पीली,नीली
हरी , बैंगनी आभा
व्यक्त करतीं, संवेदनाएं आशाएं
अभिलाषाएं प्रकृति की
जगाती जन-मानस के मन में
सुनहरे स्वप्न,
धरा की शस्य श्यामला होने की अभिलाषा
अंकुरण का स्वप्न
प्रेमियों के मिलन की आस
युवतियों के महावर रचाने
मेंहदी लगाने का स्वप्न,
केसरिया बाना पहन पहन
देश प्रेम में उन्मत्त युवकों
के त्याग समर्पण का स्वप्न,
इंद्रधनुष ______
जो स्मरण कराता
यहां सभी क्षणिक है
नहीं कुछ शाश्र्वत,
पल भर में ओझल हो जाएगा
मायावी है ये जाल
वर्षा के उपरांत ग्रीष्म
सुख के बाद दुःख
फिर सतरंगी सपने क्यों संजोना है?