“बसंत ऋतु” है एक भाव
प्रेम में समाहित
गुनगुनी धूप,
स्नेहिल हवा,
कपोलों से फूटते
नव अँकुर
महकते फूल,
प्रकृति के नए श्रृंगार
फूल, कली,
तितली, भ्रमर,
नाचे मिलकर साथ,
निश्चित ही आता बसंत
पतझड़ के बाद
स्वागत है “ऋतुराज”
By Amit Gupta
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“बसंत ऋतु” है एक भाव
प्रेम में समाहित
गुनगुनी धूप,
स्नेहिल हवा,
कपोलों से फूटते
नव अँकुर
महकते फूल,
प्रकृति के नए श्रृंगार
फूल, कली,
तितली, भ्रमर,
नाचे मिलकर साथ,
निश्चित ही आता बसंत
पतझड़ के बाद
स्वागत है “ऋतुराज”
By Amit Gupta
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3 Comments
बहुत ही सुंदर
Nice ..
शानदार अभिव्यक्ति