हमारे देश के संविधान ने हम नागरिकों को कुछ अधिकार दिए है
उनमें से प्रमुख हमारे मौलिक अधिकार है जिनको प्राप्त करना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है
जिनको प्रदत्त करना हमारी केंद्र की चयनित सरकारों की जिम्मेदारी है
जब श्रमिकों के हकों का हनन होता है तब वह काम करना बंद कर देते है
और हडतालों और चक्का जाम का जन्म होता है
शहरों में कर्फयु सा लग जाता है और आदमी घरों में कैद हो जाते है
तब लूटपाट,दंगे,आगजनी,तोडफोड़ का जन्म होता है
और तब आम आदमी असहाय सा हो जाता है
ट्रेन,बसें,मैट्रो,रिक्शा का संचालन बंद हो जाता है
रोगी ऐंबुलेंस में ही दम तोड देते है
और शहर का पूरा चक्का जाम हो जाता है
पहले शहर बंद, फिर राज्य बंद और अंत में भारत बंद
यही सोच सोच के आम आदमी बैचेन हो उठता है
कि यह हमारे मतदान के अधिकार का दुरूपयोग है
सरकारों के पास कोई संतोष जनक हल नहीं
आखिर कब तक आम आदमी का शोषण होता रहेगा
यही हमारी नियती है।
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