जीवन आनंद है
प्रत्येक पल का स्वाद लीजिए
कुछ बीती है तो बिसार दीजिए
कुछ बिगड़ा है तो संवार लीजिए
खुद में ही खुद का वरण कर
अपने हर रूप को भांप लीजिए
काम बन जाए तो मुस्कुरा लीजिए
ना बन पाए तो खिसिया लीजिए
खुद ही खुद से संवाद कीजिए
जीवन आनंद है
प्रत्येक पल का स्वाद लीजिए
कुछ मुस्कुरा कर कुछ मान कर
कुछ बदल कर कुछ जान कर
अपनी पहचान का भान कीजिए
कभी डांट कर कभी फटकार कर
कभी मना कर कभी पुचकार कर
फिर अपना हौसला आसमान कीजिए
जीवन आनंद है
प्रत्येक पल का स्वाद लीजिए
बड़ी बड़ी खुशियाँ तो चंद है
छोटी छोटी बातें ही मकरंद है इसके सौरभ को आत्मसात कीजिए
कैसे भी पल हो कैसी भी स्थिति
सकारात्मकता से खुद का साथ दीजिए
कोई ना समझे तो समझा लीजिए
कोई रूठ जाए तो मना लीजिए
थाम कर अपनों का हाथ
फिर से रिश्तों को थाम लीजिए
जीवन आनंद है
प्रत्येक पल का स्वाद लीजिए।
भावना शर्मा
स्वरचित
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