भारत की आज़ादी
देश मेरा आज़ाद हुआ
खुशियों से आबाद हुआ
हर चहरे पे मुस्कुराहट है
हर गली मोहल्ले में चहचाहट है
मानों जन्नत धरती पे आगई
यह धरती स्वर्ग सी छा गई
देश मेरा आज़ाद हुआ
खुशियों से आबाद हुआ
माँ ने पकवान बनाकर
आज़ादी का भोग लगाया
आज मंदिर कि घंटियों ने
कुछ अलग सा जोश जगाया
यह सुबह बड़ी निराली है
मानों ऊपर वाले ने
मेरे भारत पर खुशियों कि
बरसात कर डाली हैं
मेरा देश आज मेरा हुआ
यह सुबह हर साल आएगी
मेरे भारत की आज़ादी कि
याद दिलाएगी ।
देश मेरा आज़ाद हुआ
खुशियों से आबाद हुआ
जय हिन्द !! जय भारत !!
रंजीत रावल
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13 Comments on “भारत की आज़ादी”
So we’ll written … awesome
Awesome, desh ke har diwane ko mera pranam
Ky baat…
It’s good to see you penning your thoughts again. Nice read.
👍,
You have written a very good poem, telling the freedom of the country , keep it up 👌👌
बहुत खूबसूरती से अपने विचार रूपी मोतियों को एक धागे में पिरो कर एक कविता रूपी सुंदर माला बनाने पर। कोटि कोटि साधुवाद।
Very very beautiful 👍
Wow superb
Very nicely written .
Great poetry…bahut acchi kavita…
Very nice👏👏
Great poem