जय श्री राम
जय श्री राम,जय सिया–राम,
लेते नाम तुम्हारा सुबह–शाम।
हो जब जीवन की शाम,
तुम्हारे प्रियों में हो हमारा नाम।
जीवन में हर पल चैन,
जब से आप आ बसे नैन।
लेते ही इक तेरा नाम,
बन जाएँ बिगड़े सारे काम।
राम नाम में है वो जादू ,
काम–क्रोध हो जाए क़ाबू।
नाम तुम्हारा देता शीतलता,
निकट न आती कभी विफलता।
कृपा रहे आपकी सब पर,
अवतरित हो आते रहिये धरती पर।
प्रिय भक्त तुम्हारे हनुमन वीरा,
जिन बिन सारा जीवन खारा ।
लगी आपकी ऐसी धुन,
सिया–राम बस रहे हैं सुन,
सिया–राम बस रहे हैं सुन ।
इंदु नांदल
स्वरचित ✍️
जर्मनी
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10 Comments on “जय श्री राम”
Very nice
Thank you so much 🙏🙏🙏🌺🥰🌹
Many thanks 🙏🌺🌸🌹
बहुत सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🌺🌹🌸💐
Wonderful poem
Thank you so much 🙏🙏🙏🌹💐🌺🌸
Big thanks 🙏🌺🌹🌸💐
Very nice 👌👌
Big thanks to all friends for the appreciation 🙏🙏🙏🌺🌸🌹💐