दिगंबर नासवा
दिगंबर नासवा, फरीदाबाद हरियाणा का निवासी, चार्टेड अकाउंटेंट, पढने, लिखने और घूमने का शौकीन, जीवन को भरपूर जीने की चाह रखने वाला साधारण सा इन्सान हूँ. प्रेम करने वाली पत्नी, दो बच्चे, जीवन ने भरपूर दिया है, हाँ इच्छाओं की कमी फिर भी नहीं है, निरन्तर कुछ नया जानने का प्रयास नए अनुभव देता रहता है, जो कभी रचना या कभी ग़ज़ल या कभी किसी भी माध्यम से कागज़ पर उतर उतारने का प्रयास करता हूँ, कई बार इसे कविता का नाम, कई बार ग़ज़ल का और कई बार सिर्फ अनुभव का नाम दे कर इति कर लेता हूँ. जीवन के 20 वर्ष दुबई में और अभी 3 वर्षों से मलेशिया में रह रहा हूँ. उम्र के ५९ वसंत देखे, कुछ याद हैं कुछ नहीं, कई अपनों को खोने का मलाल, कई नयों के मिलने की ख़ुशी, जीवन यूँ ही बीत रहा है. भौतिक ज़रूरतें कुछ नहीं से सम्पूर्ण तक जिंदगी ने दीं है, देश अभी पूरा नहीं देखा, हाँ विदेश के अधिकाँश देशों की स्टेम्प पासपोर्ट पर लगवा दी है किस्मत ने. शिकायत किसी से नहीं हाँ खुद से ही वो भी कभी कभी और अंततः दूर भी कर लेता हूँ.