शिवी खुद को आईने में निहार रही थी कि तभी बड़ी बुआ आ गयी,”शुकर है भगवान को ई मॉडी (बेटी)को ब्याओ हो राओ है…नाइ तो हमाओ भैया चिंता में आधो हो जातो।“हाथ जोड़ते हुए बोली तो तुरंत उनके राग से राग मिलाते हुए मौसी बोली,”सौ टका सच्ची बात कई तुमने जिज्जी, मोरी बेन(बहन) की तो रातां की नींद उड़ गई ती ई मॉडी के मारे।“ ऐसा लग रहा था मानो शादी नही बड़ा भार हट गया शिवी के माता पिता के सर से।पर शिवी खिन्न थी।मन ही मन कसमसा रही थी,”चल नहीं सकती न,तभी ऐसे शादी हो रही है …एक नई दुल्हन के कुछ सपने होते है..पर लगता है कि एक अपाहिज दुल्हन को अरमान पालने का हक़ नहीं है।
जब सुनील का रिश्ता आया तो उसकी राय भी नहीं पूछी गई।सरकारी नौकरी, अपना मकान,परिवार के नाम पर बस उंसके पिता और क्या चाहिए…शिवी के तो भाग्य ही खुल गए…एक लंगड़ी को इससे अच्छा वर कहाँ मिलेगा।किसी ने ये भी न सोचा कि वह गूंगा क्या अपनी दुल्हन के सपने समझ पायेगा…क्या कभी आई लव यू कहेगा शिवी को। सगाई के बाद मंगेतर फ़ोन पे बाते करते है पर एक गूंगे से वो क्या ही उम्मीद करती।
आज शादी है,शिवी बहुत सुंदर सजी है…पर आंखे उसकी उदासी बयान कर रही है।बैसाखी उठा सखियो के साथ स्टेज की ओर चल दी।स्टेज के पास पहुँच रुक गयी…बैसाखियों के सहारे सीढ़ी नहीं चढ़ पाती है वो।इससे पहले कोई आता उसकी मदद के लिए सुनील ने आगे आकर हाथ बढ़ाया।शिवी की धड़कने बढ़ गयी…उसकी हिम्मत ही न हुई।फिर क्या सुनील नीचे आया और उसने बैसाखी हटाते हुए उसे गोद में उठा लिया।शिवी शर्म से लाल हो उठी…पूरा हाल तालियों से गूंज उठा।“शिवी तेरा शाहरुख आ गया..दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे।“
शिवी सुनील की धड़कने महसूस कर पा रही थी…उसने जैसे ही नज़रे उठाई बिना शब्दो के सुनील की आंखे सब बयां कर रही थी।उसने नज़रे झुका ली।स्टेज पर बैठे बैठे शिवी अपने सुनील के स्पर्श से जैसे खिल उठी थी, नई दुल्हन के सपने सजने लगे थे।
© श्वेता प्रकाश कुकरेजा
How useful was this post?
Click on a star to rate it!
Average rating 1 / 5. Vote count: 4
No votes so far! Be the first to rate this post.