अंधकार तब नहीं होता जब
कहीं रौशनी न हो।
अंधेरा तब होता है जब
रौशनी तो हो पर उसे देखने की नजर न हो।
अंधेरा तब नहीं होता जब
आस पास कुछ घटता ही न हो।
अंधेरा तब होता है जब सब घटता हो
पर दिखता कुछ न हो चुभता कुछ न हो।
अंधेरा तब नहीं होता जब
रात आए और सूरज का ह्रास हो।
अंधेरा तब होता है जब सूरज हो
पर मन में उजास न हो बस अवसाद हो।
अंधेरा तब नहीं होता जब
संसार में अत्याचार अत्याचारी फलित हों
अंधेरा तब होता है जब चीत्कारों या कृन्दन से
हमारी आत्मा न व्यथित हो न कलुषित हो।
अंधेरा तब नहीं होता जब
असीमित कालिमा हो स्याही हो
अंधेरा तब होता है जब
खुशियाँ अनचाही और राहे बे राही हों।
अंधेरा तब नहीं होता जब
दिल पर गमों की परछाईं हो
अंधेरा तब होता है जब
मुस्कुराते होठों पर आंखों की नमी छाई हो।
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