सबकी ज़ुबाँ पर है चर्चा आम
जब से हुआ है चक्का जाम
क्या होगा अब हाल ?
बुरे फँसे- सब हुये बेहाल
रेलवे क्रासिंग तो खुल गया है
ट्रैफ़िक धीमे-२ चल रहा है
आम आदमी हैरान परेशान
माथे से पसीना पोंछ रहा है
कारों,बाइकों,साइकिलों का
क़ाफ़िला चींटी की चाल से
आगे की ओर बढ़ रहा है
पैदल वालों का रेला चल रहा है,
एक एम्बुलेंस जल्दी आगे
निकलना चाहती
रास्ता मिल नहीं पाता
बैठे लोगों की रूह काँप जाती
बच्चों से ठसाठस भरी एक
स्कूल की बस खड़ी है
ड्राइवर और टीचर को
स्कूल समय पर पहुँचने की पड़ी है,
आओ सब मिलजुल कर
इसका कोई हल निकालें
जीवन को हम सरल सुंदर
और सुखद बनायें
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One Comment on “रीता बधवार ( चक्का जाम प्रतियोगिता)”
Bahut sunder rachna di