“ये बारिश का मौसम ये मौसम की बारिश” वीडियो देखके ये मधुर गीत स्मरण हो आया, बारिश से कई खट्टे मीठे अनुभव हम सब के जुड़े होते है, जैसे पापा के हाथ के गरम पकौड़े, कोयल की मीठी कुकू, प्रेमिका के साथ भीगना, और कीचङ में खेलना ये सब यादें है बारिश से जुड़ी तो इन्ही यादों को ताजा करती मेरी कविता बारिश।
#बारिश
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बारिश की गुदगुदाहट ने हम सब की नींदे हर ली हैं
क्या करें इस वर्षा में कुछ तो बात नई है
हौले हौले ही सही कोयल ने कूक भरी थी
और मोर ने नृत्य करके बारिश से कुछ बात कही थी
वही कुछ दूर शहर में चहल कदमी थोड़ा थमी थी
और घर के अंदर बच्चो ने पापा से पकौड़े की फरमाइश की थी
साथ में हो तीखी चटनी, पत्नी ने अर्जी दी थी
आज किचन में पापा की ड्यूटी लगी थी।
खिड़की के बाहर था एक पेड़ अनोखा जिसमे विचित्र आकृति थी
उस नीचे था प्रेमी जोड़ा जिन्हें पहली बारिश मिली थी
पानी था चारो ओर लेकिन उनमें आग लगी थी
देख के ये दृश्य अनोखा शायर की कलम चली थी
उसने बारिश के मौसम में एक शायरी लिखी थी
बारिश की गुदगुदाहट ने हुम सब की नींदे हर ली थी
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