विधा- थ्रीलाइनर
मैं जो सोचता हूँ
कभी कर नहीं पाता
मेरे सपनों की उड़ान जमीं पर चलती है
समझता हूँ सबको
किसी को समझा नहीं पाता
मेरे सपनों की उड़ान जमीं पर चलती है
बहूत कम बोलता हूँ अपने से
अपनो को कभी सुनते नहीं देखा
मेरे सपनों की उड़ान जमीं पर चलती है
कभी कभी यूँ भी लगता है
जिन्दगी बगैर दिल के लगता है
मेरे सपनों की उड़ान जमीं पर चलती है
How useful was this post?
Click on a star to rate it!
Average rating 0 / 5. Vote count: 0
No votes so far! Be the first to rate this post.