रिटायर्ड कर्नल राजिंदरजी रोज की तरह पूजा पाठ करके रामदास जी की तस्वीर पर माला चढ़ा रहे थे। तभी उनका पोता राहुल आया,”दादाजी आप रोज रामुकाका की तस्वीर पर माला क्यों चढ़ाते हैं और उन्हें सलाम भी करते है,क्या वो भी सेना में थे?” “आओ बेटा, आज में तुम्हें इस प्रश्न का उत्तर दूंगा,अब तुम बड़े जो हो गए हो!”
उन दिनों मेरी पोस्टिंग लदाख में थी, औऱ सरकार ने एक बड़े मिशन की जिम्मेदारी मुझ पर डाली थी।पता नहीं कैसे, पर दुश्मन को इसकी भनक लग गई और उन्होंने हमला कर दिया।हम सारे सैनिक सीमा पर लढते हुए घायल हो गए।मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। आशीष (तुम्हारे पापा) तब पाँच साल का था।
वो दिन आज भी आँखों के सामने साफ है।रामदास मेरे लिए खाना लेकर आया था और तभी मुझे खबर मिली की दुश्मन वो कागजात ढूँढ़ रहे हैं जिन में मिशन की सारी जानकारी थी। मगर वो तो मेरे घर पर थे…मैं समझ गया .. शर्मिला और आशीष की जान खतरे में है। मैंने रामदास से कहा,” जितना जल्दी हो सके घर चले जाना और शर्मिला से कहना.. किसीभी हालत में वो कागज़ दुश्मन के हाथ नहीं लगने चाहिए। मेरे देश को बचालो।” रामदास तुरंत वहा से निकल गया। देर रात मुझे ख़बर मिली कि दुश्मन कागज़ ढूँढने में नाकामयाब रहे,मगर शर्मिला और आशीष को हमारे सैनिक नही बचा पाए। मेरे पैरों तले जमीन फिसल गई। सुबह मेरे कमरे का दरवाजा खुला और मैंने देखा शर्मिला और आशीष मेरे सामने खड़े है,मेरी आँखों पर मुझे वुश्वास ही नहीं हो राह था। ब्रिगेडियर अजय उन्हें लेकर आया था।
रामदास ने घर जाकर अपनी पत्नी और बेटे को शर्मिला और आशीष के कपड़े पहनाकर मेरे घर पर रखा ताकि दुश्मन उन्हें कही और ढूंढने की कोशिश नहीं करेंगे और इन दोनों को कागजात के साथ पीछे के रास्तें से अजय के घर ले गया। अजय और उसकी टीम मेरे घर पहुँची और दुश्मन को ढेर कर दिया, लेकिन तब तक रामदास की पत्नी और बेटा शाहिद हो चुके थे। सब जगह खबर फैल गई कि कर्नल साहब की पत्नी और बेटे को दुश्मन ने मार दिया। उसके बाद जब मैं रामदास से मिला… तब उसने एक देशभक्त की तरह जवाब दिया.. “साहब पहली बार मुझे मेरे देश के लिए कुछ करने का मौका मिला था.. उसे मैं कैसे जाने देता?”
अब तुम बताओ ,जिसने मेरे घर को, मेरे देश को बचाया..क्या वो किसी सैनिक से कम था ? ऐसे लोग किसी गणवेश या ओहदे के मोहताज़ नहीं होते। वे अपना देशप्रेम और देश अभिमान अपने सीने में लेकर घूमते हैं।जब तक मेरी साँसे चलेंगी मैं रामदास की ऐसे ही पूजा करता रहूँगा ।
✍️शीतल प्रधान देशपांडे
Wah, wah kya baat kahi hai….👏👏”Mera Bharat Mahan🇮🇳
Thanks 😊
बहोत खुब कथा
Thank you!
Very nice story
Thanks