भाषा भाव अभिवयक्ति
हर जन की शक्ति
मुख से बोलो तो मौखिक लिखने से हो जाती लिखित
मैं ना बोलता, ना सुनता हूँ
पर अपनी बात रखता हूँ
सांकेतिक भाषा है मेरा आधार , मेरी मातृभाषा हिन्दी से है मुझे प्यार
स्वरचित
रजनी सरदाना
भाषा भाव अभिवयक्ति
हर जन की शक्ति
मुख से बोलो तो मौखिक लिखने से हो जाती लिखित
मैं ना बोलता, ना सुनता हूँ
पर अपनी बात रखता हूँ
सांकेतिक भाषा है मेरा आधार , मेरी मातृभाषा हिन्दी से है मुझे प्यार
स्वरचित
रजनी सरदाना
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