कुछ छोड़ आया हूं, अंधेरो मै,
बीती रातों और सवेरो मै
उन तपती दोपहरों मै
खाली रह बसेरों मै
कुछ छोड़ आया हूं अंधेरो मै
गुमनाम से चेहरों मै
सुनने वाले बहरों मै
चलते फिरते फेरो मै
जो अपने नहीं, उन गैरो मै
कुछ छोड़ आया हूं अंधेरो मै
लालच के उन ढेरों मै
यार थे जो गहरो मै
सागर की उन लहरों मै
उन सुनसान शहरों मै
कुछ छोड़ आया हूं अंधेरो मै
कुछ छोड़ आया हूं अंधेरो मै
Thank You Ubi Team