ऐशट्रे के मुहाने पर, बस एक कश लगी
तिल तिल सुलगती सिगरेट सा
हेडलाइन पर सरसरी नजर डाल
बिखरे छोड़ दिए गए
बासी होते अखबार के पन्नों सा
मलाई की मोटी होती पर्त के नीचे
एक सिप के इंतजार में, ठंडी होती चाय सा
या एक ही बार में मन से उतर गए
खूंटी पर टंगे, धीरे धीरे पुराने होते
एक गर्म कोट सा
आज भी दिल के किसी कोने में
आस लिए बैठा है वो पहला प्यार मेरा
कि शायद तुम दूर बहुत दूर जाते जाते
पलट लो वापस
लत की हद तक
मुहब्बत के कश लगाने के लिए
बिखरे पड़े मेरे दिल के पन्नों का
एक एक हर्फ, जहन में बसाने के लिए
ठंडी पड़ती रिश्तों की चाय
चाहत के चूल्हे पर, फिर से खौलाने के लिए
और मेरी बांहों का वो ओवरकोट
जो उठा के डाल लेते थे अपने शानों पर
लगाव की कुछ धूप, उसे दिखाने के लिए
कि शायद तुम दूर बहुत दूर जाते हुए पलट लो वापस
– इरा