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अरुणा शर्मा। (UBI सपनों की उड़ान प्रतियोगिता | सम्मान पत्र (आलेख) )

हे हे!!मैं जीत गई!जानती थी, जरूर जीतूंगी।इसी विश्वास से भरी फ़ूल एक के बाद एक हर उस काम में आगे बढ़ रही थी,जो करना उसका सपना था।

वाह वाह!!तालियों की गड़गड़ाहट और सबकी वाहवाही अंतर विद्यालयी गीत प्रतियोगिता के परिणाम का इशारा दे रहे थे।बस नाम घोषित होना था।फ़ूल ही प्रथम आई।अरे!ये क्या??फ़ूल स्कूल की बास्केटबॉल टीम में भी है।इस वर्ष उसकी टीम जिला स्तर पर जीत कर भी आई है! खेल,संगीत या भाषण,सभी में भाग लेना और कड़ी मेहनत से जीत कर ही आऊँगी, इस विश्वास से भरी वो आगे बढ़ती जा रही है।

आज फ़ूल के जीवन का सबसे बड़ा दिन है।फ़ूल अपना सबसे बड़ा सपना पूरा कर मुख्यमंत्री जी के हाथों सम्मान प्राप्त करने वाली है।पुलिस ऑफ़िसर बन कर मात्र तीन वर्ष में ही उत्कृष्ट कार्यों के लिए उसे विशिष्ट सेवा पदक मिल रहा है।शहर का स्टेडियम खचाखच भरा है। तालियों की गूँज के साथ”फ़ूल-फ़ूल”के स्वर सुनाई दे रहे थे। सीढियां चढ़कर फ़ूल मंच पर पहुंची, मुख्यमंत्री जी को सेल्यूट कर अपना पदक लेने आगे बढ़ी।

तभी,सूरज!!माँ की आवाज़ पर फ़ूल नींद से जागी।घर रोशनी से जगमग था।मेहमानों से भरा भी।सुबह के चार बजे थे और माँ बड़े भैया से कह रही थी कि जल्दी से बारात ठहराने वाले भवन पर पहुंचो सब,स्वागत के लिए।फ़ूल की बारात आ गई थी,दूसरे शहर से।आज़तक कोई खेल या गीत प्रतियोगिता नहीं जीती थी उसने,क्योंकि उसे इनमें जाने की अनुमति नहीं थी।पुलिस ऑफिसर बनना तो दूर कॉलेज भी नहीं गई थी वो। स्कूल के बाद घर पर ही पढ़ रही थी,पर हमेशा अपने सपनों में डूबी रहती।आज उसके जीवन की एक नई शुरुआत थी,पर वो अपनी आँखों में जरा भी मायूसी नहीं लाई।परिवार के अथाह प्रेम पर अपने सपने बलि चढ़ा रही थी,वो।अपने इस जीवन को भी वो पूर्ण समर्पण और उत्साह से शुरू करना चाहती थी,जैसा उत्साह उसके अपने सपनों में रहता था।
आज बीस बरस बाद फ़ूल अपनी जिम्मेदारियों को हंसी-खुशी से निभाते हुए,अपने सपनों की दुनिया में लौट आई है।जानती है वो, अब पुलिस ऑफिसर नहीं बन सकती पर अपने छोटे-छोटे सपने पूरे कर सकती है। गा सकती है, नाच सकती है।भले ही उसे विधिवत ना आता हो ये सब।फ़ूल के जीवन जीने का सीधा-सा तरीका रहा-”अपने सपनों को मरने मत दो।साथ ही परिवार के प्रेम को पैरों तले रौंद कर अपने सपनों के पीछे मत भागो।तुम्हारी लगन सच्ची है,तो एक दिन अपने सपनों के आकाश में जी भरकर उड़ोगे।बस लगन पक्की और दिल सच्चा होना चाहिये।”
अपने इसी आत्मविश्वास और प्यारे-सच्चे दिल से वो लोगों का बहुत सारा प्यार पा रही है,रेडियो पर अपनी ही लिखी प्यारी,सुंदर व प्रेरणादायी कहानियों के साथ फ़िल्मी गीत सुनाकर।

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