Silence
हमीदा हकीम। (विधा : कविता) (खामोशी | सम्मान पत्र)
खामोशी सतह पर जमे झाग सा, ये शोर दिन रात का गहराईयाँ नहीं मापता, खामोशियाँ नहीं भाँपता एक दुनिया जो पलती है वहाँ दिखती नहीं
खामोशी सतह पर जमे झाग सा, ये शोर दिन रात का गहराईयाँ नहीं मापता, खामोशियाँ नहीं भाँपता एक दुनिया जो पलती है वहाँ दिखती नहीं
खामोशी! काफी दूर तक, देर तक, आवाजें जब पीछा नहीं छोड़ती , खामोशी! तुम्हारी नामौजूदगी खलती है, तुम याद आती हो । तुम्हारी गहनता, सघनता
Title – The mystery unravelled ———————————————– The silent sound of silence A language unspoken yet deep The early rising sun silently lights up the earth
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