नम्रता पिल्लै। (विधा : उद्धरण) (ग्रहण | प्रशंसा पत्र)
सूर्य के तेज़ को भी एक परछाई फीका कर देती है तब सूर्य ग्रहण कहलाता है,वैसे ही जब अपने दग़ा देते है तब रिश्तों पर
सूर्य के तेज़ को भी एक परछाई फीका कर देती है तब सूर्य ग्रहण कहलाता है,वैसे ही जब अपने दग़ा देते है तब रिश्तों पर
आज सिम्मी बारह साल की हो गयी…..वक़्त कैसे गुज़ार गया समझ ही नही आया….कोरोना संकट ने उससे उसकी बहन शिखा और सिम्मी से उसकी माँ
“मुझे बताओ जरा सूर्य ग्रहण कैसे पड़ता है?” सुधा ने अपने पति कमल से पूछा। “चंद्रमा जब पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता
तुम्हारे और मेरे बीच की चुप्पी भी तो ग्रहण ही है ना ……….?? सुनो ………क्या यही सच है ???? देखो ….ना …क्या यह भी ग्रहण
शीर्षक: थर्डजेंडर-प्रकृति का ग्रहण प्रकृति की रचना पर ग्रहण तो पहले से ही लगा था , जब खुदा ने जमीं पर भेजा था ना अपने
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