#UBI #Valentinesday
प्यार के हैं कई रूप कई आयाम,
बांधना इन्हें सूत्र में है कारिगरी का काम।
अपनी कोख में धड़कते दिल के जज़्बात
मां की है धरोहर,
पिता का प्यार है जिम्मेदारी और निस्वार्थ भाव का हकदार।
भाई-बहन का रिश्ता है प्यार की नई परिभाषा,
दोस्तों-यारों का प्यार जगाता है नित नई आशा।
मेहबूब के प्यार से होता जिंदगी का हर लम्हा रोशन,
तन-मन के हर ज़र्रे को मिलता इससे पोषण।
मानविय प्यार के एहसासों से परे
और भी है एक नाता,
जो निस्वार्थ प्रेम को है पनपाता।
नाता आत्मा का परमात्मा से
सारी प्रेम भावनाओं का है उद्गामी,
अगर गुंथें इन प्रीत मौंत्तिकों को
परम प्रेम के सूत्र में
तो प्रीतवैजयंती धारण करेंगी मोक्षलक्ष्मी।।
मधुरा लडकत