Sunita Katyal

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जब चारो ओर तन्हाई हो ना जाने क्यूं तब शाम की उदासी में मेरी भी उदासी घुल घुल जाती है दिल में विचारों की तब उठा पटक शुरू हो जाती... More

ऐ दिले नादान क्यूं चाहता है ख्वाहिशें सब पूरी हों तेरी गर दो चार रह जाएंगी अधूरी सच कहूं, जिन्दगी से तब भी मुझे कोई गिला नहीं More

जिंदगी हमारी भी सुख और दुख में ढलती और बदलती कभी दुखों भरी अंधेरी अमावस की रात कभी सुखों की रात पूर्णिमा की चांदनी से चमकती कभी धीरे धीरे दुख... More

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