एक अनसुनी पुकार एक अनजान दुनिया देखने का बेसब्री से था इंतज़ार मुझे चंद महीनों से महफूज थी मै मेरी प्यारी माँ की खोक मे।। माँ की मधुर और खिलखिलाती... More
सीख चहकती फुदकती अपनी नन्ही चोंच में कुछ टूटी टहनियां और सूखे पत्ते लिये उमंग भरी उड़ान संग जा पहुँचि पेड़ पर अपना बसेरा बनाने के लिये।। कई दिनों की... More