संगीत है जीवन छम-छम गिरा अम्बर से पानी, बूँदों से मिल हुई प्रफुल्लित धरती रानी, शुरू हुआ टिप-टिप का संगीत, जिसको सुन मेरे मन मीत , जीवन में भर जाती प्रीत। तितली और भँवरों का गान, बढ़ा देता उपवन की शान, सुनकर भँवरों की गुनगुन, फूलों में भर जाती जान। जगाती अद्भुत संगीत लहरों की ताल, पक्षियों की फड़फड़ाहट सुन झूल रही है डाल। झर-झर बहता झरना गाता जाए ये तराना, रुकना नहीं बहते ही रहना, धुन में अपनी गाते ही रहना। नाचते मोरों के पंखों का संगीत, उड़ा देता ...
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