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हिंदी पत्रकारिता विशेषांक ….पत्रकार हूँ मैं

*पत्रकार हूँ मैं*
ना जीवन की परवाह ,
ना मृत्यु का भय ।
सत्य के पथ पर चलता,
सदा मैं निर्भय ।
क़लम और कैमरे को ,
बनाकर हथियार ।
नित करता ,
समाज की बुराइयों पर वार।
दर्पण बनकर समाज का ,
मानव को दिखलाता ।
ना मेरी दिवाली होती ,
ना मैं ईद मनाता ।
ख़तरा कितना भी हो चाहे ,
वही पहुँच जाता ।
हर एक घटना को
तुम तक सीधे ले आता।
कभी होते हास्य व्यंग्य ,
कभी रसेपी बतलाता ।
कभी राजनीति तो कभी ,
आंदोलन भी दिखलाता ।
कलमकार बनकर,
मैं ऐसे क़लम चलाता ।
ना मैं हिंदू ना मैं मुस्लिम ,
ना मैं सिख कहलाता ।
कभी ज़हर तो कभी गालियाँ,
कभी काँटा बन जाता ।
बुराइयों के दलदल में ,
जब मैं तीर चलाता ।
वर्जनाओं से डरकर ,
कभी नहीं मुँह छिपाता ।
निर्भयता से अपने पथ पर ,
मैं तो चलते जाता ।
तानो बानो के शब्दों की बौछार हूँ मैं ,
जी जनाब ख़ूब पहचाना पत्रकार हूँ मैं।
उपमा शर्मा ( प्रभारी प्रधानाध्यापिका )
क० पू० मा० वि० लिलौन , ब्लॉक :शामली
जनपद : शामली ।

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