Poetry
प्रकृति गीत
प्रकृति-गीत वीरान जंगल, नाचते मयूर, कल कल बहते झरनें, महकते गुलाब और जूही, गाती कोयल और बटेर, क्या कहते है हमसे? क्या कोई पैगाम सुनाते
प्रकृति-गीत वीरान जंगल, नाचते मयूर, कल कल बहते झरनें, महकते गुलाब और जूही, गाती कोयल और बटेर, क्या कहते है हमसे? क्या कोई पैगाम सुनाते
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