Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors

हेमलता मिश्रा मानवी (UBI सपनों की उड़ान प्रतियोगिता | सम्मान पत्र )

” हाँ मैं एक किन्नर हूँ– हां हूँ मैं किन्नर । तो क्या मुझे सपने देखने का भी अधिकार नहीं है? क्या मैं इंसान नहीं हूँ?क्या मुझे अपनी तरह से जीने का भी हक नहीं है – –
मेरे दिमाग को, मेरे मन को, मेरे ह्रदय को भी “किम् नरः” कह कर आप कटघरे में खड़ा कर सकते हैं? नहीं ना। तो फिर छोड़ दीजिए मुझे मेरे हाल पर। भरने दीजिए मुझे भी अपने सपनों की उड़ान। अब तक आपने मेरा बहुत साथ दिया बहुत बहुत प्यार दिया धन्यवाद मेरे डैडी। love u माँ ।हर जन्म में मेरी माँ होगी लेकिन अगले जन्म में पूर्ण इंसान बन कर हाँ।
कहते कहते शन्नो की आवाज भर्रा गई और रोकते रोकते भी एक आंख से एक कतरा गम ढुलक ही गया।
सोलह वर्ष तक अजीत बाबू ने शन्नो की पहचान, दुनिया सेऔर उस विशेष बिरादरी से छिपाए रखी थी। लेकिन चाल-ढाल, हाव-भाव, आवाज और प्राकृतिक प्रवृत्तियों ने चुगली करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे शन्नो को भी अपनी वास्तविकता सालने लगी और एक दिन बेहिचक बयां कर दी उसने हकीकत तमाशबीनों के सामने।
अपनी मूल पहचान के साथ उसने पंख तौले और काॅलेज में एडमिशन ले लिया । पढ़ाई के साथ-साथ एक्टिंग की भी ट्रेनिंग ली। और वह दिन भी आ गया जब शन्नो को बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला और नई राहें खुल गईं।
क्या सचमुच इतनी आसान होतीं हैं क्रांति की राहें। ऊंची उड़ानों ने शन्नो को दौलत और शोहरत के साथ उस बिरादरी की असूया और ईर्ष्या से भी नवाजा। कुछ अलग तरह से जीने की तमन्नाओं को सरेआम उसका गुनाह सा सिद्ध कर दिया गया और एक दिन दो ग्रुपों की झड़प में किन्नरों ने बेतहाशा पीट-पीट कर खत्म कर दिया – – उसे उस गद्दारी की सजा दे दी जो उसने कभी की ही नही थी – – उसने तो सिर्फ एक सपना जीना चाहा था सामान्य इंसान की तरह जीने का– “किम् नरः” की तरह नहीं।
हेमलता मिश्र “मानवी “

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

Leave a Comment

×

Hello!

Click on our representatives below to chat on WhatsApp or send us an email to ubi.unitedbyink@gmail.com

× How can I help you?