वक्त का पहिया सरपट भागे, उसका ना कटता चालान,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
वक्त से आगे मैं भी भागूं, पर रोक लगाए चक्काजाम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
चारों तरफ होड़ लगी है, इक पल ना मिलता आराम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
दफ्तर के लिए देर ना हो जाए , लग जाए ना फिर इल्ज़ाम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
देखो फिर से देर हो गई, मैंने दिल को लिया है थाम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
दफ्तर से भी जल्दी निकला, कि जल्दी पहुंचूं अपने धाम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
घर पर बीवी बाट जोह रही, उसपर गुस्सा है बेलगाम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
आज फिर होगा घमासान और चुकाना पड़ेगा दाम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
बदला नहीं प्रदर्शन का तरीका, बदल गईं सरकारें तमाम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
सड़कों पर है समय कट रहा, हो रहा जीवन तमाम,
वक्त से हारे थके मुसाफिर और उसपर ये चक्काजाम।
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One Comment on “सोनिया सेठी ( चक्का जाम प्रतियोगिता)”
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