हर खुशी है लोगों के दामन मे
पर एक हंसी के लिए वक्त नही
दिन रात दोडती दुनिया मे जिदंगी के लिए वक्त नही
एहसास तो है माँ की लोरी का पर मा को मा कहने का वक्त नही
सारे रिश्तो को हम मार चुके
अब इनहें दफनाने का भी वक्त नही
धन्यवाद
राधे राधे🙏🙏🙏🙏🙏
किरण वरमा
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1 Comments on “वक्त नही कविता”
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे🙏