ग़ुज़रते हुए इस साल को मेरा सलाम,
दिसम्बर माह को मेरा प्यार भरा पैग़ाम,
शुक्रिया तुम्हारा,जो तूने की मेहरबानी,
सुननी है वो कहानी तुम्हारी अपनी ज़ुबानी,
चुप रहोगे यूँ – न बोलोगे तुम,
बेवजह बेचैन,परेशान होंगे हम,
तुमने परिवर्तन की लहर चलाई
ठंडी हवा के झोंकों से ज़िदगी हरियाई,
रोकर हँसना, हँस कर जीना सिखाया,
कोई गिला नहीं ज़िंदगी जीना सिखाया,
हौसला दिया, बुलंदी दी,
पंखों को परवाज़ भरने की ताक़त दी,
हम न हारेंगे आगे क़दम बढ़ायेंगे,
नये साल में खट्टे मीठे नग़मे गुनगुनायेंगे,
अलविदा -२०१९- शुक्रिया
#धन्यवाद२०१९
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