Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors

मयूरी गर्ग (UBI भीगी पलकें प्रतियोगिता | सहभागिता प्रमाण पत्र )

आंसू जो बेह गए वे अपने ना थे,
जो पलकों पर ठहर गए वही तो सच्चे साथी थे।
भीगी पलकों पर सजे ये वो मोती हैं,
जो अमूल्य हैं और सुख-दुःख के गवाह हैं।

बीते पलों कि याद दिलाती हैं,
अकसर ये भीगी पलकें हमें हमसे मिलाती हैं।
खिलखिलाती आंखों और दुखते दिल को सहारा देती हैं,
ये भीगी पलकें आंसुओ कि सच्ची सहेली होती हैं।

कई बार दर्द बर्दाश्त कर लेता है मन,
बस,पलकों को भिगो कर एक ऊबार सा रोक लेता है मन।
इन भीगी पलकों को पोछ, खुश हो जाते हैं हम,
अकसर दर्द सेह कर, इन भीगी पलकों पर बोझ बन जाते हैं हम।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

One Comment on “मयूरी गर्ग (UBI भीगी पलकें प्रतियोगिता | सहभागिता प्रमाण पत्र )

Leave a Comment

×

Hello!

Click on our representatives below to chat on WhatsApp or send us an email to ubi.unitedbyink@gmail.com

× How can I help you?