मन में ख़ुशी की लहर हो तो सब कुछ खिला-२ सा लगता है
नहीं तो ये गुलशन वीरान जंगल सा उजाड़ दिखता है
उठो,आँखें खोलो,देखो ! दिन कितना उजला…चमकीला है
रात गई ! समझो— बात गई— बीती बीत गई
जीवन ठहरता नहीं है ! चलता रहता है अनवरत…
पक्षियों के कलरव , चिड़ियों की चहचहाहट में
बच्चों की बतकही , उनकी खिलखिलाहट में
@reetetandonbadhwar
How useful was this post?
Click on a star to rate it!
Average rating 1 / 5. Vote count: 2
No votes so far! Be the first to rate this post.