कभी अस्त व्यस्त सा कभी सुर से ताल मिला
जैसा भी रहा 2019 तेरा लाख लाख शुक्रिया
एक जुनून सा था जब कदम रखा था जनवरी में
सोचा था कर देंगे सभी रुके काम इसी महीने में
दिलों जान से लिखने को जैसे ही कलम उठाई
मुहोब्बत भरी फरवरी शर्माते सकुचातेआई
खो गए थे हम भी कुछ मुहोब्बत की बातों में
भर दीए थे कई पन्ने इश्क़ की तकरारों में
फागुन के महीने ने कुछ अलग ही रंग दिखाया
बीती बातें भूली सभी अपनो को रंग लगाया
मूर्खता के पावन पर्व ने हम सबको खूब हँसाया
बन बैठे सरताज हम ही को एप्रिल फूल बनाया
मई औऱ जून सी गर्मी थी तुम्हारी प्यारी बातों में
भीग गए थे हम दोनों ही जुलाई की बरसातों में
अगस्त के महीना भी कैसी सौगात लेकर आया
कैसे करूँ शुक्रिया मुझे यू बी आई से मिलवाया
( UBI)
सुनो 19 वां साल मुझको इस कदर है भाया कविताओं से सबको मैंने दिल का हाल सुनाया
सितम्बर, अक्टूबर ने त्योहारों की झड़ी लगाई
नए ढंग से घर सजाया, खूब मिठाइयाँ खाई
नवंबर का महीना भूल कैसे जाऊँ मैं
बर्फ़ीली हवाओं से थोड़ी सहम जाऊँ मैं
साल बिता दिसंबर के भी जाने का वक्त हैआया
धन्यवाद 2019 तूने मेरा साथ बखूबी निभाया
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