प्रमोद मूंधड़ा
आध्यात्मिक मित्र, कवि, लेखक, गीतकार ध्यान यात्रा प्रारंभ- अगस्त1995
प्रकाशित कृतियाँ- “क्यों न तुम भी” ” सुरबाला”
शीघ्र ही आनेवाली अन्य दो पुस्तकें-
1- “SURBALA THE DIVINE SOUL” In English ( Poetry with detailed meaning in prose )
2 – ” स्वर्णिमसौगातें” हिंदी में अनुपम काव्य रचनाओं का संकलन
महालक्ष्मी भजन एलबम दूरदर्शन, आकाशवाणीपर अनेक कार्यक्रम
काव्यरचना ओंके अनेक विशिष्ट कार्यक्रम ध्यान कार्यक्रमों का संचालन अनेक प्रमुख पत्रपत्रिकाओं में काव्यरचनाओं तथा आलेखों का प्रकाशन इनकी विविध रचनायें और आलेख फेसबुक पेज के माध्यम से हजारों पाठकोंद्वारा पढ़े और पसंद किये जाते हैं।
संपर्क- प्रमोदमूंधड़ा 603 , राजकीर्ति, D-11 मीरामार्ग, बनीपार्क, जयपुर
फोन- 9610007567 , 0141 2200567
Buy His book , “सुरबाला”
मनुष्य की उलझनें – क्या और क्यों अशांत, अतृप्त जीवन में आनंदकी अभिवृद्धि – कैसे ध्यान, मेडिटेशन – क्यों.. और कैसे सहजरूप से ध्यान में प्रवेश – कैसे ओंकार, अद्वैत, समाधि, आत्मा के अनुभव- कैसे ध्यान विधियों के पार असीम आलोक का संसार..सत्य का साक्षात्कार जान ने के लिये पढ़ें~ “सुरबाला” सरस काव्य अभिव्यक्ति और साथ ही गूढ़ रहस्योंका सरल भावार्थ में वर्णन। जीवन की दशा और दिशा में शुभ परिवर्तन के लिये अत्यंत उपयोगी कृति