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कमला मुलानी। (विधा : आलेख) (विचारों की शक्ति | प्रशंसा पत्र)

विचारों की शक्ति अद्भुत होती है।मंत्र भी तभी फलित होते हैं जब हम अटूट
विश्वास के साथ उसमें सकारात्मक उर्जा भरकर उच्चारित करते हैं ।ये ऐसी
शक्ति है जो आपको कुछ ही पलों में पूरे
संसार की सैर करवा सकती है । कभी – कभी ऐसा भी होता है हम किसी के बारे में सोचते हैं और उसका कोई समाचार,
पत्र, या फोन आ जाता है ,तब अनायास ही हम बोल पड़ते हैं अरे! मैंने तुम्हें अभी याद किया था।कहां जाता है दिल को दिल से राह होती है।
              नित नेम से जब हम प्रार्थना करते हैं तो वह ईश्वर तक अवश्य पहुंचती है ।इसी प्रकार जब हम दूर बैठे किसी अपने को दुआएं भेजते हैं तो वे भी। अवश्य पहुंचती है ।ये सकारात्मक
वायबरेशनस उसके लिए मरहम का काम करती हैं।अचानक ही सामने वाले
को एक आत्मिक शांति महसूस होती है,जब ऐसा होता है यकीन मानिए आपकी दुआएं वहां पहुंच गयी है
या फिर किसी का आशीर्वाद आप तक
चलकर आ गया है ।अनजाने ही हमें एक राहत एक सुकून का अहसास होता है ।
       बहुत पहले एक गाना फिल्म काबुलीवाला से सुना था इस कहानी को रविन्द्र नाथ टैगोर ने लिखा था ।गीत कुछ इस तरह है
तेरे दामन से जो आएं
उन हवाओं को सलाम।
चूम लूं मैं उस जुबां को
जिस पे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबहा तेरी
सबसे रंगी तेरी शाम
तुझ पे दिल कुर्बान।
ऐ मेरे प्यारे वतन
ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझ पे दिल कुर्बान।
     यकीन मानिए ये हवाएं हमारे प्रिय जनों तक हमारी दुआएं अवश्य पहुंचाती हैं।
      सदैव सकारत्मक सोचें। हमेशा सबको दुआएं दें,ये ऐसी अनमोल वस्तु है जिसे आप जितना बांटते हैं उतनी ही
संवारा होकर ये आपके पास आती हैं ।
मनसा वाचा कर्मणा कभी भी न किसी का बुरा सोचें और न करें जब एक शुभ संकल्प से आप कोई भी अच्छा काम करते हैं तो वह अवश्य फलीभूत होता है।हमारे आसपास पूरे वातावरण में वही सकारात्मक उर्जा बिखर जाती है जो हर उस व्यक्ति को सराबोर कर देती है जो इसके सम्पर्क में आया है ।
गिरे हम सब मिलकर विश्व कल्याण के लिए एक प्रार्थना करते हैं।
हे प्रभु हमको शक्ति प्रदान करें।
प्रकाश बांटना सबको,
भानु ने है सिखलाया।
शीतलता बांटना सबको
शशि ने सिखाई उदारता।
सुमन ने है सिखलाया हमको
हंसना सदा खिलखिलाना।
मुस्कराहटें बांटना सबको
न किसी को कभी सताना।
वृक्षों ने दी है शिक्षा
फल फूल सभी बांटना।
पृथ्वी ने दी है सहनशीलता
हार न मानना कभी ।
प्रकृति है हमारी सबसे
बड़ा गुरु देती हर शिक्षा।
सत्संग ने दिए मीठे वचन
विश्वास रखना अपने गुरु में।
सबको मानो अपना
न रखना कोई भेदभाव।
कुदरत देती रही संदेश
रखना सदा समभाव।
विचारों की शक्ति होती
अद्भुत जो सोचो सो ही पाओ ।
और अंत में यही कहना है
मन मस्तिष्क हो जो अस्त व्यस्त
जीवन भी हो जाए पस्त।
न होना तुम कभी अस्त व्यस्त
सदा रहो व्यस्त और मस्त।

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