कवि ने कागज़ लिया
ना शुरु किया, ना अंत किया
बस एक “काला धब्बा “बना दिया
“आज” का “सच” यूहीं समझा दिया ।
स्वरचित
#स्वातिगर्ग
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कवि ने कागज़ लिया
ना शुरु किया, ना अंत किया
बस एक “काला धब्बा “बना दिया
“आज” का “सच” यूहीं समझा दिया ।
स्वरचित
#स्वातिगर्ग
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