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शैलेंद्र (UBI पर्यावरण दिवस प्रतियोगिता | सम्मान पत्र (विधा – कविता ) )

देखो,पर्यावरण की राह आकर्षित कर रही है,
अपने आगोश में ले प्रफुल्लित कर रही है,
सूरज की किरणों को रोशनी दे रही है,
प्रयासों से मंजिल मिलती है,प्रदर्शित कर रही है।

जलवायु परिवर्तन से सबक लेना होगा,
निरन्तर बढते तापमान को सीमित करना होगा,
हरेक को प्राकृतिक उपभोग कम करना होगा,
खाद्य पदार्थों के नुकसान को हर संभव रोकना होगा,

नारों से आगे बढना होगा,
पर्यावरण संरक्षण को अपनी आदतों में शुमार करना होगा,
अपने इर्दगिर्द वातावरण से सवेंदनशील संवाद करना होगा,
स्वच्छता का प्रसार अपने घर,आंगन से करना होगा,

पर्यावरण संरक्षण हम सभी का उत्तरदायित्व है,
अपने से,अन्दर से महसूस करने का उत्तरदायित्व है,
अपने अस्तित्व को बचाये,
रखने के लिये, यह उत्तरदायित्व है,
पृथ्वी ग्रह रहे सुरक्षित, हमें,
ह्रदय से निभाना,यह दायित्व है,

आये हर रोज दायित्व निभायें…।।

 

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