जीवन है तो उत्सव है,
उत्सव हैं तो जीवन है,
आओ हम सब आनंद मनायें,
ख़ुशी में मिलकर नाचें गायें,
आने वाला है दीवाली का त्यौहार,
जीवन से भगाने अंधकार,
हम भी मन का कलुष मिटाकर
इस धरती को इक स्वर्ग बनायें
दीपों से जगमग करता घर आँगन,
लगता है मानों तारों भरा हो गगन,
काली अमावस्या की स्याह कालिमा,
लगती मानों सुनहरे भोर की लालिमा,
चारों ओर उजास है छाया,
लक्ष्मी जी कृपा और माया,
गणपति का सब करते गुणगान
स्वागत करते खिलाकर मिष्ठान्न,
आओ हम भी बैर भुलाकर,
प्रेम प्रीत की गंगा बहाकर,
सबको स्नेह से गले लगाकर,
आगे बढ़ें दीप से दीप जलाकर,
जगमग,चमचम करती दीवाली मनायें,
अंदर बाहर सब चमकायें,
इकोफ्रेंडली आतिशबाजी़ चलायें,
पर्यावरण को प्रदूषण से बचायें,
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