एक सुबह जंगल मे जाना हुआ !
चारो और छाई थी हरियाली !
था खूबसूरत समा !
दिल खो गया उन वादियों मे वहां !
कहीं थे शेर ,कहीं म्रग ,कहीं पक्षियों का कलरव !
कानो को सूकूँ दे रहा था हर पल !
ऐसा खूबसूरत हो समा !
क्यो न आये हर पल कोई यंहा !
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