याद आता है मुझे वो मेरा चश्मा गुलाबी
जिसे पहन लगता था सारा बगीचा गुलाबी
आसमां गुलाबी, चिड़ियां गुलाबी
पेड़ों की सारी पत्तियां गुलाबी
गुलाबी थी गुड़ियां मेरी , उस गुड़ियां की फ्रॉक गुलाबी
थी गुलाबी साईकिल मेरी औऱ मेरी सहेली का नाम गुलाबी
गुलाबी से थे मेरे सपने ,थे सपनों में सब लोग गुलाबी
जाने कहां अब खो गया है वो मेरा प्यारा रंग गुलाबी
© प्रीति पटवर्धन 🖋️
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