अस्पताल
हर तरफ हर कोई लगा डरा डरा सा सहमा हुआ
जब कोविड जाँच करने आज अस्पताल में जाना हुआन किसी चहरे पर हँसी न कहीं कोई मलाल दिखा
पॉजिटिव- नेगेटिव में उलझा हर कोई हलाल दिखा
न किसी से यारी न किसी से वहाँ नाराजगी थी
ऑक्सिजन औऱ नब्ज़ की मशीनें जिंदगी पर भारी थी
एक समय वो था जब हर कोई अपना सा लगता था
एक ये अस्पताल है जहाँ हर कोई आज अपना सा था
©प्रीति पटवर्धन🖋️
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